5 मुझ पर से अपनी नज़र+ हटा ले,
यह मुझे बेकरार कर देती है।
तेरी ज़ुल्फें गिलाद के पहाड़ों से उतरती बकरियों के झुंड जैसी हैं।+
6 तेरे दाँत उन उजली भेड़ों के समान हैं,
जो नहाकर पानी से बाहर आयी हैं।
वे सभी एक सीध में हैं, हरेक का जोड़ीदार है,
उनमें से कोई भी छूटा नहीं है।
7 घूँघट में तेरे गालों की चमक,
अनार की फाँक जैसी है।