18 इसलिए जैसे एक गुनाह का अंजाम यह हुआ कि सब किस्म के लोग सज़ा के लायक ठहरे,+ वैसे ही एक नेक काम का नतीजा यह हुआ कि सब किस्म के लोग+ नेक ठहराए जाते हैं ताकि जीवन पाएँ।+ 19 और जैसे एक आदमी के आज्ञा तोड़ने से बहुत लोग पापी ठहरे,+ उसी तरह एक आदमी के आज्ञा मानने से बहुत लोग नेक ठहरेंगे।+