17 देखो! मैं नए आकाश और नयी पृथ्वी की सृष्टि कर रहा हूँ,+
फिर पुरानी बातें याद न आएँगी,
न ही उनका खयाल कभी तुम्हारे दिल में आएगा।+
18 इसलिए मैं जो रच रहा हूँ, उस पर सदा खुशी मनाओ और मगन हो।
देखो! मैं यरूशलेम को रच रहा हूँ कि वह खुशी का कारण ठहरे
और उसके लोगों को भी कि वे मगन होने का कारण बनें।+