33 जैसा लिखा भी है, “देख! मैं सिय्योन में ठोकर खिलानेवाला पत्थर+ और ठेस पहुँचानेवाली चट्टान रखता हूँ, मगर जो उस पर विश्वास करता है वह निराश नहीं होगा।”+
6 क्योंकि शास्त्र कहता है, “देख! मैं सिय्योन में एक चुना हुआ पत्थर रखता हूँ। यह कोने का वह कीमती पत्थर है जिसकी मैं नींव डाल रहा हूँ। और जो कोई उस पर विश्वास करता है वह कभी निराश नहीं होगा।”*+