26 मेरे लोगों के बीच दुष्ट लोग पाए जाते हैं।
जैसे बहेलिए झुककर घात लगाते हैं, वैसे ही वे भी ताक में रहते हैं।
वे खतरनाक फंदे बिछाते हैं।
वे इंसानों को पकड़ते हैं।
27 पंछियों से भरे एक पिंजरे की तरह
उनके घर छल की कमाई से भरे रहते हैं।+
इसीलिए वे ताकतवर और मालामाल हो गए हैं।
28 वे मोटे और चिकने हो गए हैं,
बुराई उनमें उमड़ती रहती है।
वे अनाथों के मुकदमे की पैरवी नहीं करते+
ताकि उनका अपना काम बन सके,
वे गरीबों को इंसाफ दिलाने से इनकार करते हैं।’”+