28 यहोवा ऐलान करता है, “जिस तरह मैं उन्हें जड़ से उखाड़ने, गिराने, ढाने, नाश करने और नुकसान पहुँचाने के लिए उन पर नज़र रखे हुए था,+ उसी तरह मैं उन्हें बनाने और लगाने के लिए भी उन पर नज़र रखूँगा।+
14 सेनाओं का परमेश्वर यहोवा कहता है, ‘सेनाओं के परमेश्वर यहोवा ने कहा है, “जैसे तुम्हारे पुरखों के क्रोध दिलाने पर मैंने तुम पर विपत्ति लाने की ठान ली थी और मैंने अपना इरादा नहीं बदला,*+15 वैसे ही अब मैंने यहूदा के घराने और यरूशलेम का भला करने की ठान ली है।+ इसलिए तुम मत डरो!”’+