24 ‘तूने हर चौक में अपने लिए एक टीला बनाया और एक ऊँची जगह खड़ी की। 25 तूने हर गली के मोड़ पर ऊँची जगह बनायीं। तूने खुद को आने-जानेवाले हर किसी के हाथ सौंप दिया और इस तरह तू जो कभी खूबसूरत हुआ करती थी, अब तूने खुद को घिनौना बना लिया है।+ तूने बढ़-चढ़कर वेश्या के काम किए हैं।+