23 इसके बाद उसने ताँबे का बड़ा हौद ढालकर बनाया जिसे ‘सागर’ कहा जाता था।+ यह गोलाकार था और इसके मुँह की चौड़ाई 10 हाथ थी और मुँह के पूरे घेरे की लंबाई 30 हाथ थी।* हौद की ऊँचाई 5 हाथ थी।+
25 यह हौद ताँबे के 12 बैलों पर रखा गया था,+ 3 बैल उत्तर की तरफ मुँह किए हुए थे, 3 पश्चिम की तरफ, 3 दक्षिण की तरफ और 3 पूरब की तरफ। सभी बैलों का पिछला भाग अंदर की तरफ था। इन बैलों पर हौद टिकाया गया था।