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  • यशायाह 65:2
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    •  2 मैं ऐसे हठीले लोगों+ के सामने दिन-भर हाथ फैलाए रहा,

      जो बुरी राह पर चलते हैं+ और अपने मन की करते हैं।+

  • यिर्मयाह 7:24
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 24 मगर उन्होंने मेरी नहीं सुनी, मेरी तरफ कान नहीं लगाया।+ इसके बजाय, वे अपनी ही योजनाओं* के मुताबिक चले, ढीठ होकर अपने दुष्ट मन की सुनते रहे+ और आगे बढ़ने के बजाय पीछे जाते रहे।

  • यिर्मयाह 7:26
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 26 मगर इन लोगों ने मेरी सुनने से इनकार कर दिया और मेरी तरफ कान नहीं लगाया।+ ये ढीठ-के-ढीठ बने रहे और अपने पुरखों से भी बदतर निकले!

  • यहेजकेल 20:8
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 8 मगर उन्होंने मुझसे बगावत की। वे मेरी बात मानने के लिए हरगिज़ तैयार नहीं थे। उन्होंने अपने सामने से घिनौनी चीज़ें नहीं फेंकीं, न ही मिस्र की घिनौनी मूरतें छोड़ीं।+ इसलिए मैंने ठान लिया कि मैं मिस्र में उन पर अपने क्रोध का प्याला उँडेलूँगा और उन पर अपना गुस्सा उतारकर ही दम लूँगा।

  • जकरयाह 7:11, 12
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 11 मगर लोगों ने ध्यान देने से इनकार कर दिया।+ ढीठ होकर उन्होंने उससे मुँह फेर लिया+ और अपने कान बंद कर लिए कि उसकी न सुनें।+ 12 उन्होंने अपना दिल हीरे* जैसा सख्त कर लिया।+ उन्होंने सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा की उन बातों और आज्ञाओं* को नहीं माना, जिन्हें सुनाने के लिए उसने पहले के भविष्यवक्‍ताओं को पवित्र शक्‍ति दी थी।+ इसलिए सेनाओं के परमेश्‍वर यहोवा का क्रोध उन पर भड़क उठा।”+

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