23 वे फिर कभी अपनी घिनौनी मूरतों,* अपने नीच कामों और अपराधों से खुद को दूषित नहीं करेंगे।+ उन्होंने मेरे साथ विश्वासघात करके जो-जो पाप किए थे उनसे छुड़ाकर मैं उन्हें शुद्ध करूँगा। तब वे मेरे लोग होंगे और मैं उनका परमेश्वर होऊँगा।+
26 मैं उनके साथ एक शांति का करार करूँगा।+ यह करार सदा तक कायम रहेगा। मैं उन्हें उनके देश में बसाऊँगा और उनकी गिनती बढ़ाऊँगा+ और उनके बीच सदा के लिए अपना पवित्र-स्थान खड़ा करूँगा।
16 और परमेश्वर के मंदिर का मूरतों+ के साथ क्या समझौता? इसलिए कि हम जीवित परमेश्वर का एक मंदिर हैं,+ ठीक जैसा परमेश्वर ने कहा है, “मैं उनके बीच निवास करूँगा+ और उनके बीच चलूँगा-फिरूँगा और मैं उनका परमेश्वर बना रहूँगा और वे मेरे लोग बने रहेंगे।”+