76 मगर मेरे बेटे, जहाँ तक तेरी बात है, तू परम-प्रधान का भविष्यवक्ता कहलाएगा, इसलिए कि तू यहोवा* के आगे-आगे जाकर उसके लिए रास्ता तैयार करेगा।+77 और उसके लोगों को यह संदेश देगा कि वह उनके पाप माफ करेगा और उनका उद्धार करेगा।+
26 अगर मसीह को बार-बार अपना बलिदान चढ़ाना होता, तो उसे दुनिया की शुरूआत से कितनी ही बार दुख उठाना पड़ता। मगर अब उसने दुनिया की व्यवस्थाओं* के आखिरी वक्त में एक ही बार हमेशा के लिए खुद को ज़ाहिर किया है ताकि अपना बलिदान देकर पाप मिटा दे।+