12 यहोवा तुम्हारे लिए आकाश का भंडार खोलकर तुम्हारे देश को वक्त पर बारिश देगा+ और तुम्हारे सभी कामों पर आशीष देगा। तुम्हारे पास इतना होगा कि तुम बहुत-से राष्ट्रों को उधार दे सकोगे जबकि तुम्हें कभी उनसे उधार नहीं लेना पड़ेगा।+
12 क्योंकि शांति के बीज बोए जाएँगे। अंगूर की बेलें फलेंगी, धरती अपनी उपज देगी+ और आसमान से ओस गिरेगी। मैं बचे हुए लोगों को इन सब चीज़ों का वारिस बना दूँगा।+