4 हे मेरे लोगो, मुझ पर ध्यान दो,
हे मेरे राष्ट्र, मेरी बात पर कान लगा,+
क्योंकि मैं एक कानून निकालूँगा+
और अपना न्याय कायम करूँगा, जो देश-देश के लोगों के लिए रौशनी ठहरेगा।+
5 मेरी नेकी पास आ रही है,+
मेरी तरफ से तुम्हें उद्धार मिलनेवाला है।+
मैं अपनी ताकत के दम पर देश-देश के लोगों का न्याय करूँगा,+
द्वीप मुझ पर आस लगाएँगे+ और मेरी ताकत देखने का इंतज़ार करेंगे।