12 याजकों, लेवियों और इसराएल के कुलों के मुखियाओं में से कई बुज़ुर्ग जिन्होंने पहलेवाला मंदिर देखा था,+ इस मंदिर की नींव देखकर रोने लगे। जबकि बाकी लोग खुशी के मारे जयजयकार करने लगे।+
3 ‘तुममें से किन लोगों ने इस भवन* की पहले की शान देखी है?+ अब तुम्हें यह कैसा लग रहा है? क्या तुम्हें ऐसा नहीं लगता कि यह पहलेवाले भवन के मुकाबले कुछ भी नहीं?’+