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  • लूका 12:22-28
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 22 फिर उसने अपने चेलों से कहा, “इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, अपने जीवन के लिए चिंता करना छोड़ दो कि तुम क्या खाओगे, न ही अपने शरीर के लिए चिंता करो कि तुम क्या पहनोगे।+ 23 क्योंकि एक इंसान का जीवन भोजन से और उसका शरीर कपड़ों से कहीं ज़्यादा अनमोल है। 24 ध्यान दो कि कौवे न तो बीज बोते हैं, न कटाई करते हैं, न उनके अनाज के भंडार होते हैं, न ही गोदाम, फिर भी परमेश्‍वर उन्हें खिलाता है।+ क्या तुम्हारा मोल पंछियों से बढ़कर नहीं?+ 25 तुममें ऐसा कौन है जो चिंता करके एक पल के लिए भी* अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके? 26 इसलिए अगर तुम इतना तक नहीं कर सकते, तो बाकी चीज़ों की चिंता क्यों करते हो?+ 27 ध्यान दो कि सोसन* के फूल कैसे उगते हैं। वे न तो कड़ी मज़दूरी करते हैं न ही सूत कातते हैं। मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान भी जब अपने पूरे वैभव में था, तो इनमें से किसी एक की तरह भी सज-धज न सका।+ 28 इसलिए अगर परमेश्‍वर मैदान में उगनेवाले इन पौधों को, जो आज हैं और कल आग* में झोंक दिए जाएँगे, ऐसे शानदार कपड़े पहनाता है, तो अरे कम विश्‍वास रखनेवालो! वह तुम्हें इससे भी बढ़कर क्यों न पहनाएगा!

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