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मरकुस 10:46-52पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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46 फिर वे यरीहो आए। मगर जब यीशु, उसके चेले और भारी तादाद में लोग यरीहो से बाहर जा रहे थे, तो (तिमाई का बेटा) बरतिमाई नाम का एक अंधा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था।+ 47 जब उसने सुना कि यीशु नासरी वहाँ से जा रहा है, तो वह चिल्लाकर कहने लगा, “दाविद के वंशज+ यीशु, मुझ पर दया कर!”+ 48 इस पर कई लोगों ने उसे डाँटा कि वह चुप हो जाए, मगर वह और ज़ोर से चिल्लाने लगा, “दाविद के वंशज, मुझ पर दया कर!” 49 तब यीशु रुक गया और उसने कहा, “उसे मेरे पास बुलाओ।” उन्होंने अंधे आदमी को बुलाया और कहा, “हिम्मत रख और खड़ा हो जा, वह तुझे बुला रहा है।” 50 उसने अपना चोगा फेंका और उछलकर खड़ा हो गया और यीशु के पास गया। 51 तब यीशु ने उससे कहा, “तू क्या चाहता है, मैं तेरे लिए क्या करूँ?” अंधे आदमी ने उससे कहा, “हे मेरे गुरु,* मेरी आँखों की रौशनी लौट आए।” 52 यीशु ने उससे कहा, “जा, तेरे विश्वास ने तुझे ठीक किया है।”+ उसी वक्त उसकी आँखों की रौशनी लौट आयी+ और वह यीशु के साथ उसी रास्ते पर चल दिया।
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लूका 18:35-43पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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35 जब वह यरीहो पहुँचनेवाला था, तो सड़क के किनारे एक अंधा बैठकर भीख माँग रहा था।+ 36 जब उस अंधे ने वहाँ से गुज़रती भीड़ का शोर सुना, तो पूछने लगा कि यह क्या हो रहा है। 37 लोगों ने उसे बताया, “यीशु नासरी यहाँ से जा रहा है!” 38 यह सुनकर उसने ज़ोर से पुकारा, “हे यीशु, दाविद के वंशज, मुझ पर दया कर!” 39 जो आगे-आगे जा रहे थे वे उसे डाँटने लगे कि चुप हो जा! मगर वह और ज़ोर से चिल्लाता रहा, “हे दाविद के वंशज, मुझ पर दया कर!” 40 तब यीशु रुक गया और उसने हुक्म दिया कि उस आदमी को उसके पास लाया जाए। जब वह आया तो यीशु ने पूछा, 41 “तू क्या चाहता है, मैं तेरे लिए क्या करूँ?” उसने कहा, “प्रभु, मेरी आँखों की रौशनी लौट आए।” 42 इसलिए यीशु ने उससे कहा, “तेरी आँखें ठीक हो जाएँ। तेरे विश्वास ने तुझे ठीक किया है।”+ 43 उसी पल उसकी आँखों की रौशनी लौट आयी और वह परमेश्वर की महिमा करता हुआ उसके पीछे चल दिया।+ देखनेवाले सब लोगों ने भी परमेश्वर की तारीफ की।+
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