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मत्ती 20:29-34पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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29 जब वे यरीहो से बाहर जा रहे थे, तब एक बड़ी भीड़ यीशु के पीछे आने लगी। 30 और देखो! दो अंधे सड़क के किनारे बैठे थे। जब उन्होंने सुना कि यीशु वहाँ से गुज़र रहा है तो वे ज़ोर-ज़ोर से पुकारने लगे, “हे प्रभु, दाविद के वंशज, हम पर दया कर!”+ 31 मगर भीड़ ने उन्हें डाँटा कि वे चुप हो जाएँ। लेकिन वे और ज़ोर से चिल्लाने लगे, “हे प्रभु, दाविद के वंशज, हम पर दया कर!” 32 तब यीशु रुक गया और उसने उन्हें बुलाकर कहा, “तुम क्या चाहते हो, मैं तुम्हारे लिए क्या करूँ?” 33 उन्होंने कहा, “प्रभु, हमारी आँखें ठीक हो जाएँ।” 34 यह देखकर यीशु तड़प उठा और उसने उनकी आँखों को छुआ।+ उसी वक्त उनकी आँखों की रौशनी लौट आयी और वे उसके पीछे हो लिए।
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मरकुस 10:46-52पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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46 फिर वे यरीहो आए। मगर जब यीशु, उसके चेले और भारी तादाद में लोग यरीहो से बाहर जा रहे थे, तो (तिमाई का बेटा) बरतिमाई नाम का एक अंधा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था।+ 47 जब उसने सुना कि यीशु नासरी वहाँ से जा रहा है, तो वह चिल्लाकर कहने लगा, “दाविद के वंशज+ यीशु, मुझ पर दया कर!”+ 48 इस पर कई लोगों ने उसे डाँटा कि वह चुप हो जाए, मगर वह और ज़ोर से चिल्लाने लगा, “दाविद के वंशज, मुझ पर दया कर!” 49 तब यीशु रुक गया और उसने कहा, “उसे मेरे पास बुलाओ।” उन्होंने अंधे आदमी को बुलाया और कहा, “हिम्मत रख और खड़ा हो जा, वह तुझे बुला रहा है।” 50 उसने अपना चोगा फेंका और उछलकर खड़ा हो गया और यीशु के पास गया। 51 तब यीशु ने उससे कहा, “तू क्या चाहता है, मैं तेरे लिए क्या करूँ?” अंधे आदमी ने उससे कहा, “हे मेरे गुरु,* मेरी आँखों की रौशनी लौट आए।” 52 यीशु ने उससे कहा, “जा, तेरे विश्वास ने तुझे ठीक किया है।”+ उसी वक्त उसकी आँखों की रौशनी लौट आयी+ और वह यीशु के साथ उसी रास्ते पर चल दिया।
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