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  • मरकुस 12:13-17
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 13 इसके बाद उन्होंने कुछ फरीसियों और हेरोदेस के गुट के लोगों को यीशु के पास भेजा ताकि वे उसकी बातों में उसे पकड़ सकें।+ 14 वे उसके पास आए और कहने लगे, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और इंसानों को खुश करने की कोशिश नहीं करता, क्योंकि तू किसी की सूरत देखकर बात नहीं करता बल्कि सच्चाई के मुताबिक परमेश्‍वर की राह सिखाता है। हमें बता कि सम्राट* को कर देना सही* है या नहीं? 15 हमें कर देना चाहिए या नहीं?” यीशु उनका कपट भाँप गया और उसने कहा, “तुम मेरी परीक्षा क्यों लेते हो? एक दीनार* लाकर मुझे दिखाओ।” 16 वे एक दीनार लाए। उसने कहा, “इस पर किसकी सूरत और किसके नाम की छाप है?” उन्होंने कहा, “सम्राट की।” 17 तब यीशु ने कहा, “जो सम्राट* का है वह सम्राट को चुकाओ,+ मगर जो परमेश्‍वर का है वह परमेश्‍वर को।”+ वे उसका जवाब सुनकर दंग रह गए।

  • लूका 20:20-26
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 20 वे उस पर कड़ी नज़र रखे हुए थे। उन्होंने चुपके से कुछ लोगों को पैसों से खरीद लिया कि वे उसके सामने नेक होने का ढोंग करें और उसकी बातों में उसे पकड़ सकें+ ताकि उसे सरकार और राज्यपाल* के हवाले कर दें। 21 उन्होंने उससे कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सही-सही बोलता और सिखाता है और कोई भेदभाव नहीं करता, बल्कि तू सच्चाई के मुताबिक परमेश्‍वर की राह सिखाता है। 22 हमें बता कि सम्राट* को कर देना सही है या नहीं?” 23 मगर उसने उनकी चालाकी भाँप ली और उनसे कहा, 24 “मुझे एक दीनार* दिखाओ। इस पर किसकी सूरत और किसके नाम की छाप है?” उन्होंने कहा, “सम्राट की।” 25 उसने कहा, “तो फिर जो सम्राट का है वह सम्राट को चुकाओ,+ मगर जो परमेश्‍वर का है वह परमेश्‍वर को।”+ 26 वे लोगों के सामने उसकी बातों में उसे पकड़ नहीं सके, उलटा उसके जवाब से हैरान रह गए और एक शब्द भी नहीं बोल पाए।

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