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मत्ती 22:15-22पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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15 इसके बाद फरीसी चले गए और उन्होंने आपस में सलाह की कि किस तरह यीशु को उसी की बातों में फँसाएँ।+ 16 इसलिए उन्होंने अपने चेलों को हेरोदेस के गुट के लोगों के साथ उसके पास भेजा।+ उन्होंने यीशु से कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सच्चा है और सच्चाई से परमेश्वर की राह सिखाता है। तू इंसानों को खुश करने की कोशिश नहीं करता, क्योंकि तू किसी की सूरत देखकर बात नहीं करता। 17 इसलिए हमें बता, तू क्या सोचता है, सम्राट* को कर देना सही है या नहीं?” 18 मगर वह समझ गया कि उनके इरादे बुरे हैं और उसने कहा, “अरे कपटियो, तुम मेरी परीक्षा क्यों लेते हो? 19 मुझे कर का सिक्का दिखाओ।” तब वे उसके पास एक दीनार* लाए। 20 यीशु ने उनसे पूछा, “इस पर किसकी सूरत और किसके नाम की छाप है?” 21 उन्होंने कहा, “सम्राट की।” तब उसने कहा, “इसलिए जो सम्राट का है वह सम्राट को चुकाओ, मगर जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को।”+ 22 यह सुनकर वे दंग रह गए और उसे छोड़कर चले गए।
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लूका 20:20-26पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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20 वे उस पर कड़ी नज़र रखे हुए थे। उन्होंने चुपके से कुछ लोगों को पैसों से खरीद लिया कि वे उसके सामने नेक होने का ढोंग करें और उसकी बातों में उसे पकड़ सकें+ ताकि उसे सरकार और राज्यपाल* के हवाले कर दें। 21 उन्होंने उससे कहा, “गुरु, हम जानते हैं कि तू सही-सही बोलता और सिखाता है और कोई भेदभाव नहीं करता, बल्कि तू सच्चाई के मुताबिक परमेश्वर की राह सिखाता है। 22 हमें बता कि सम्राट* को कर देना सही है या नहीं?” 23 मगर उसने उनकी चालाकी भाँप ली और उनसे कहा, 24 “मुझे एक दीनार* दिखाओ। इस पर किसकी सूरत और किसके नाम की छाप है?” उन्होंने कहा, “सम्राट की।” 25 उसने कहा, “तो फिर जो सम्राट का है वह सम्राट को चुकाओ,+ मगर जो परमेश्वर का है वह परमेश्वर को।”+ 26 वे लोगों के सामने उसकी बातों में उसे पकड़ नहीं सके, उलटा उसके जवाब से हैरान रह गए और एक शब्द भी नहीं बोल पाए।
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