22 फिर वे यीशु को गुलगुता नाम की जगह ले आए, जिसका मतलब है, “खोपड़ी स्थान।”+ 23 यहाँ उन्होंने उसे नशीली गंधरस मिली दाख-मदिरा पिलाने की कोशिश की,+ मगर उसने नहीं पी। 24 उन्होंने उसे काठ पर ठोंक दिया और उसके ओढ़ने के लिए चिट्ठियाँ डालीं ताकि तय कर सकें कि किसे क्या मिलेगा और उन्हें आपस में बाँट लिया।+