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मत्ती 27:33-37पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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33 जब वे गुलगुता नाम की जगह पहुँचे, जो खोपड़ी स्थान कहलाती है,+ 34 तो उन्होंने यीशु को पीने के लिए पित्त* मिली दाख-मदिरा दी।+ मगर उसने चखने के बाद, उसे पीने से इनकार कर दिया। 35 सैनिकों ने उसे काठ पर ठोंक दिया और चिट्ठियाँ डालकर उसका ओढ़ना आपस में बाँट लिया।+ 36 फिर वहाँ बैठकर वे उसकी पहरेदारी करने लगे। 37 और उस पर जो इलज़ाम था, उसे लिखकर उन्होंने उसके सिर के ऊपर काठ पर लगा दिया: “यह यहूदियों का राजा यीशु है।”+
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