21 उस वक्त से यीशु अपने चेलों को बताने लगा कि उसे यरूशलेम जाना होगा और वहाँ मुखियाओं, प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ कई दुख सहने होंगे, उसे मार डाला जाएगा और फिर तीसरे दिन ज़िंदा कर दिया जाएगा।+
22 जब यीशु और उसके चेले गलील में एक-साथ थे, तो उसने उनसे कहा, “इंसान के बेटे के साथ विश्वासघात किया जाएगा और उसे लोगों के हवाले कर दिया जाएगा।+23 वे उसे मार डालेंगे और उसे तीसरे दिन ज़िंदा किया जाएगा।”+ यह सुनकर वे बहुत दुखी हो गए।
31 फिर वह चेलों को बताने लगा कि इंसान के बेटे को कई तकलीफें सहनी पड़ेंगी और मुखिया, प्रधान याजक और शास्त्री उसे ठुकरा देंगे और वह मार डाला जाएगा।+ फिर तीन दिन बाद वह ज़िंदा हो जाएगा।+
44 “मैं जो बताने जा रहा हूँ उस पर कान लगाओ। इंसान के बेटे के साथ विश्वासघात किया जाएगा और उसे लोगों के हवाले कर दिया जाएगा।”+45 मगर चेले अब भी उसकी बात का मतलब नहीं समझे थे। दरअसल इस बात का मतलब उनसे छिपाया गया था ताकि वे इसे समझ न सकें और वे इस बारे में उससे सवाल पूछने से भी डर रहे थे।