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  • मत्ती 9:3-8
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 3 तब कुछ शास्त्री मन में कहने लगे, “यह आदमी परमेश्‍वर की निंदा कर रहा है।” 4 यह जानते हुए कि वे क्या सोच रहे हैं, यीशु ने कहा, “तुम क्यों अपने मन में बुरी बातें सोच रहे हो?+ 5 क्या कहना ज़्यादा आसान है, ‘तेरे पाप माफ किए गए’ या यह कहना, ‘उठ और चल-फिर’?+ 6 मगर इसलिए कि तुम जान लो कि इंसान के बेटे को धरती पर पाप माफ करने का अधिकार दिया गया है . . .।” फिर उसने लकवे के मारे हुए से कहा, “खड़ा हो! अपनी खाट उठा और घर जा।”+ 7 तब वह आदमी खड़ा हो गया और अपने घर चला गया। 8 यह देखकर लोगों पर डर छा गया और वे परमेश्‍वर की महिमा करने लगे, जिसने एक इंसान को ऐसा करने का अधिकार दिया था।

  • लूका 5:21-26
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 21 यह सुनकर शास्त्री और फरीसी सोचने लगे, “यह कौन है जो परमेश्‍वर के बारे में निंदा की बातें कर रहा है? परमेश्‍वर को छोड़ और कौन पापों को माफ कर सकता है?”+ 22 मगर यीशु जान गया कि वे क्या सोच रहे हैं और उसने कहा, “तुम अपने मन में क्या सोच रहे हो? 23 क्या कहना ज़्यादा आसान है, ‘तेरे पाप माफ किए गए’ या यह कहना, ‘उठ और चल-फिर’? 24 मगर इसलिए कि तुम जान लो कि इंसान के बेटे को धरती पर पाप माफ करने का अधिकार दिया गया है . . .।” यीशु ने लकवे के मारे हुए आदमी से कहा, “मैं तुझसे कहता हूँ, खड़ा हो! अपनी खाट उठा और घर जा।”+ 25 तब वह आदमी उनके सामने खड़ा हो गया। उसने वह खाट उठायी जिस पर वह लेटा था और परमेश्‍वर की महिमा करता हुआ अपने घर चला गया। 26 यह देखकर सब-के-सब हैरान रह गए और परमेश्‍वर की बड़ाई करने लगे और उन पर डर छा गया। वे कहने लगे, “आज हमने अजब घटनाएँ देखी हैं!”

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