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  • मत्ती 12:1-8
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 12 एक बार सब्त के दिन यीशु अपने चेलों के साथ खेतों से होकर जा रहा था। उसके चेलों को भूख लगी और वे अनाज की बालें तोड़कर खाने लगे।+ 2 यह देखकर फरीसियों ने उससे कहा, “देख! तेरे चेले सब्त के दिन वह काम कर रहे हैं जो कानून के खिलाफ है।”+ 3 यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुमने नहीं पढ़ा कि जब दाविद और उसके आदमी भूखे थे, तब उसने क्या किया?+ 4 किस तरह वह परमेश्‍वर के भवन में गया और उन्होंने चढ़ावे की वे रोटियाँ* खायीं+ जो सिर्फ याजकों के लिए थीं और जिन्हें खाना उसके और उसके साथियों के लिए कानून के खिलाफ था?+ 5 या क्या तुमने कानून में नहीं पढ़ा कि सब्त के दिन, मंदिर में सेवा करनेवाले याजक सब्त का नियम तोड़ते हैं फिर भी वे निर्दोष ठहरते हैं?+ 6 मगर मैं तुमसे कहता हूँ, यहाँ वह है जो मंदिर से भी बढ़कर है।+ 7 लेकिन अगर तुमने इस बात का मतलब समझा होता कि मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि यह चाहता हूँ कि तुम दूसरों पर दया करो,+ तो तुम निर्दोष लोगों को दोषी न ठहराते। 8 क्योंकि इंसान का बेटा सब्त के दिन का प्रभु है।”+

  • मरकुस 2:23-28
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 23 जब यीशु सब्त के दिन खेतों से होकर जा रहा था तो उसके चेले चलते-चलते अनाज की बालें तोड़ने लगे।+ 24 तब फरीसियों ने उससे कहा, “यह देख! ये सब्त के दिन ऐसा काम क्यों कर रहे हैं जो कानून के खिलाफ है?” 25 मगर यीशु ने कहा, “क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि जब दाविद और उसके आदमी भूखे थे और उनके पास खाने को कुछ नहीं था, तब उसने क्या किया?+ 26 क्या तुमने प्रधान याजक अबियातार+ वाले किस्से में नहीं पढ़ा कि दाविद परमेश्‍वर के भवन में गया और उसने चढ़ावे की रोटियाँ* खायीं और कुछ अपने साथियों को भी दीं जबकि कानून के मुताबिक याजकों के सिवा कोई और ये रोटियाँ नहीं खा सकता था?”+ 27 फिर यीशु ने कहा, “सब्त का दिन इंसान के लिए बना है,+ न कि इंसान सब्त के दिन के लिए। 28 इंसान का बेटा तो सब्त के दिन का भी प्रभु है।”+

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