2 रात के वक्त यीशु के पास आया+ और उससे कहा, “रब्बी,+ हम जानते हैं कि तू परमेश्वर की तरफ से आया शिक्षक है। इसलिए कि तू जो चमत्कार करता है, वह कोई भी इंसान तब तक नहीं कर सकता,+ जब तक कि परमेश्वर उसके साथ न हो।”+
36 मगर मेरे पास वह गवाही है जो यूहन्ना की गवाही से भी बढ़कर है। जो काम मेरे पिता ने मुझे पूरे करने के लिए सौंपे हैं और जिन्हें मैं कर रहा हूँ, वही मेरे बारे में गवाही देते हैं कि मुझे पिता ने भेजा है।+
38 लेकिन अगर मैं अपने पिता के काम कर रहा हूँ तो मुझ पर न सही, मगर मेरे कामों पर तो यकीन करो+ ताकि तुम जान सको और आगे भी यकीन करो कि पिता मेरे साथ एकता में है और मैं पिता के साथ एकता में हूँ।”+
10 क्या तू यकीन नहीं करता कि मैं पिता के साथ एकता में हूँ और पिता मेरे साथ एकता में है?+ मैं जो बातें तुमसे कहता हूँ वे अपनी तरफ से नहीं कहता,+ बल्कि पिता जो मेरे साथ एकता में है, वही मेरे ज़रिए अपने काम कर रहा है।
22 हे इसराएलियो, मेरी यह बात सुनो: यीशु नासरी परमेश्वर का भेजा हुआ इंसान था और इस बात को साबित करने के लिए परमेश्वर ने उसके ज़रिए तुम्हारे बीच बड़े-बड़े शक्तिशाली और आश्चर्य के काम और चमत्कार किए,+ जैसा कि तुम खुद भी जानते हो।