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1 तीमुथियुस 3:1-7पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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3 यह बात भरोसे के लायक है: अगर कोई आदमी निगरानी का काम करने की कोशिश में आगे बढ़ता है,+ तो वह एक बढ़िया काम करने की चाहत रखता है। 2 इसलिए निगरानी करनेवाले को ऐसा होना चाहिए जिस पर कोई आरोप न हो, उसकी एक ही पत्नी हो, वह हर बात में संयम बरतता हो, सही सोच रखता हो,*+ कायदे से चलता हो, मेहमान-नवाज़ी करनेवाला हो,+ सिखाने के काबिल हो,+ 3 पियक्कड़ न हो,+ मारपीट करनेवाला न हो, मगर लिहाज़ करनेवाला हो,+ झगड़ालू न हो,+ पैसे का लालची न हो,+ 4 अपने परिवार की अच्छी तरह अगुवाई करता हो,* जिसके बच्चे पूरी गंभीरता से उसके अधीन रहते हों,+ 5 (क्योंकि अगर एक आदमी अपने ही परिवार की अगुवाई करना* नहीं जानता, तो वह परमेश्वर की मंडली की देखभाल कैसे करेगा?) 6 नया विश्वासी न हो+ ताकि वह घमंड से फूल न जाए और वही सज़ा न पाए जो शैतान को दी गयी है। 7 यही नहीं, बाहरवाले भी उसके बारे में अच्छा कहते हों*+ ताकि उसकी बदनामी* न हो और वह शैतान के फंदे में न फँसे।
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तीतुस 1:5-9पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
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5 मैं तुझे क्रेते में इसलिए छोड़ आया था कि तू वहाँ के बिगड़े हुए हालात* सुधारे और जैसे मैंने तुझे हिदायत दी थी, तू शहर-शहर प्राचीनों को नियुक्त करे। 6 ऐसे भाई को नियुक्त करना जिस पर कोई आरोप न हो, उसकी एक ही पत्नी हो, उसके बच्चे विश्वासी हों और उन पर ऐयाशी की ज़िंदगी जीने* का या बागी होने का इलज़ाम न हो।+ 7 निगरानी करनेवाला भाई परमेश्वर का ठहराया प्रबंधक होता है इसलिए उस पर कोई इलज़ाम नहीं होना चाहिए। उसे मनमानी करनेवाला,+ गुस्सैल,+ पियक्कड़, मारपीट करनेवाला और बेईमानी की कमाई का लालची नहीं होना चाहिए। 8 बल्कि उसे मेहमान-नवाज़ी करनेवाला,+ भलाई से प्यार करनेवाला, सही सोच रखनेवाला,*+ नेक, वफादार,+ संयम बरतनेवाला+ होना चाहिए। 9 सिखाने की कला के मामले में वह विश्वासयोग्य वचन* को मज़बूती से थामे रहता हो+ ताकि वह न सिर्फ खरी* शिक्षा देकर हौसला बढ़ाए+ बल्कि जो इस शिक्षा का विरोध करते हैं उन्हें सुधारे भी।+
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