28 उसी तरह, मसीह भी बहुतों का पाप उठाने के लिए एक ही बार हमेशा के लिए बलिदान किया गया।+ और जब वह दूसरी बार आएगा, तो पाप मिटाने* के लिए नहीं आएगा और उसे वे लोग देखेंगे जो उद्धार पाने के लिए बड़ी बेताबी से उसका इंतज़ार कर रहे हैं।+
18 यहाँ तक कि मसीह भी हमारे पापों के लिए एक ही बार हमेशा के लिए मरा।+ वह नेक होते हुए भी पापियों के लिए मरा+ ताकि तुम्हें परमेश्वर के पास ले जाए।+ जब उसे मार डाला गया तब उसका इंसानी शरीर था,+ मगर जब ज़िंदा किया गया तो उसे अदृश्य शरीर दिया गया।+