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  • रोमियों 5:3-5
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 3 यही नहीं, हम दुख-तकलीफें झेलते हुए भी खुशी मनाएँ*+ क्योंकि हम जानते हैं कि दुख-तकलीफों से धीरज पैदा होता है+ 4 और धीरज धरने से परमेश्‍वर की मंज़ूरी हम पर बनी रहती है+ और इस वजह से हमें आशा मिलती है।+ 5 यह आशा हमें निराश नहीं होने देती+ क्योंकि परमेश्‍वर का प्यार हमारे दिलों में उस पवित्र शक्‍ति के ज़रिए भरा गया है, जो हमें दी गयी थी।+

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