13 अब मैं तुम गैर-यहूदियों से बात कर रहा हूँ। मैं गैर-यहूदी राष्ट्रों के लिए प्रेषित हूँ यानी मुझे उनके पास भेजा गया है,+ इसलिए मैं अपनी सेवा का बहुत सम्मान* करता हूँ+
6 यानी यह कि दूसरे राष्ट्रों के लोग मसीह यीशु के साथ एकता में और खुशखबरी के ज़रिए हमारे संगी वारिस हों, हमारे साथ एक ही शरीर के अंग हों+ और परमेश्वर के वादे में हमारे साथ साझेदार हों।