23 मगर मैंने उनसे यह ज़रूर कहा था: “तुम मेरी आज्ञा मानना, तब मैं तुम्हारा परमेश्वर होऊँगा और तुम मेरे लोग होगे।+ मैं तुम्हें जिस राह पर चलने की आज्ञा दूँगा तुम उसी पर चलना ताकि तुम्हारा भला हो।”’+
6 क्योंकि जो मसीह यीशु के साथ एकता में हैं उनके लिए न तो खतना कराने की कोई अहमियत है, न ही खतना न कराने की+ बल्कि उस विश्वास की अहमियत है जो प्यार के ज़रिए दिखायी देता है।