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  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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सभोपदेशक का सारांश

      • बुढ़ापे से पहले सृष्टिकर्ता को याद रख (1-8)

      • उपदेशक का निचोड़ (9-14)

        • बुद्धि की बातें अंकुश की तरह हैं (11)

        • सच्चे परमेश्‍वर का डर मान (13)

सभोपदेशक 12:1

संबंधित आयतें

  • +भज 71:17; 148:7, 12; लूक 2:48, 49; 2ती 3:15
  • +भज 90:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2015, पेज 12-13

    1/15/2014, पेज 18, 22-23

    4/15/2010, पेज 3-4

    4/15/2008, पेज 12-16

    6/15/2005, पेज 28

    5/1/2004, पेज 14

    11/15/1999, पेज 13-18

    9/1/1999, पेज 21

    8/15/1998, पेज 8-9

    12/1/1996, पेज 15-20

    9/1/1991, पेज 30

    5/1/1988, पेज 16

    2/1/1987, पेज 25, 27

सभोपदेशक 12:2

फुटनोट

  • *

    या शायद, “के साथ।”

संबंधित आयतें

  • +1शम 4:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 14-15

सभोपदेशक 12:3

संबंधित आयतें

  • +उत 48:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    11/2016, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2008, पेज 23

    11/15/1999, पेज 15

सभोपदेशक 12:4

संबंधित आयतें

  • +2शम 19:34, 35

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    11/2016, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 15-16

सभोपदेशक 12:5

फुटनोट

  • *

    या “भूख बढ़ानेवाला फल किसी काम न आए।”

संबंधित आयतें

  • +नीत 16:31
  • +अय 30:23; सभ 9:10
  • +उत 50:7, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

    11/2016, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/2005, पेज 23

    11/15/1999, पेज 16-17

सभोपदेशक 12:6

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 17

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 276

सभोपदेशक 12:7

संबंधित आयतें

  • +उत 3:19; भज 146:4
  • +उत 2:7; अय 27:3; 34:14, 15; भज 104:29; यश 42:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    बाइबल सिखाती है, पेज 211

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2001, पेज 6

    11/15/1999, पेज 17

    4/1/1999, पेज 17

    10/15/1996, पेज 5-6

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 79

सभोपदेशक 12:8

संबंधित आयतें

  • +1रा 8:1
  • +सभ 1:2, 14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 19

सभोपदेशक 12:9

फुटनोट

  • *

    या “को क्रम से बिठाने के लिए।”

संबंधित आयतें

  • +1रा 10:1, 3, 6, 8
  • +1रा 4:29, 32; नीत 1:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 21

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (2इति–यशा), पेज 20

सभोपदेशक 12:10

संबंधित आयतें

  • +नीत 16:24; 25:11

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 3

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2008, पेज 10-11

    11/15/1999, पेज 21

सभोपदेशक 12:11

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 2:37; इब्र 4:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 9

    11/1/2006, पेज 11

    12/1/2004, पेज 32

    12/15/1999, पेज 30

    11/15/1999, पेज 21-22

सभोपदेशक 12:12

संबंधित आयतें

  • +सभ 1:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/2004, पेज 32

    10/1/2000, पेज 10

    11/15/1999, पेज 21-22

    8/1/1997, पेज 30

    12/1/1987, पेज 30

    7/1/1987, पेज 3

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 283

सभोपदेशक 12:13

फुटनोट

  • *

    या “का गहरा आदर कर।”

संबंधित आयतें

  • +अय 28:28; भज 111:10; नीत 1:7
  • +1यूह 5:3
  • +व्य 6:1, 2; 10:12

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 25

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2017, पेज 14

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    11/2016, पेज 3-4

    11/15/1999, पेज 22-23

    2/15/1997, पेज 13-18

    12/1/1987, पेज 28, 30

सभोपदेशक 12:14

संबंधित आयतें

  • +भज 62:12; सभ 11:9; मत 12:36, 37; प्रेष 17:31; 2कुर 5:10; 1ती 5:24

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/1999, पेज 22-23

    12/1/1987, पेज 30

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

सभो. 12:1भज 71:17; 148:7, 12; लूक 2:48, 49; 2ती 3:15
सभो. 12:1भज 90:10
सभो. 12:21शम 4:15
सभो. 12:3उत 48:10
सभो. 12:42शम 19:34, 35
सभो. 12:5नीत 16:31
सभो. 12:5अय 30:23; सभ 9:10
सभो. 12:5उत 50:7, 10
सभो. 12:7उत 3:19; भज 146:4
सभो. 12:7उत 2:7; अय 27:3; 34:14, 15; भज 104:29; यश 42:5
सभो. 12:81रा 8:1
सभो. 12:8सभ 1:2, 14
सभो. 12:91रा 10:1, 3, 6, 8
सभो. 12:91रा 4:29, 32; नीत 1:1
सभो. 12:10नीत 16:24; 25:11
सभो. 12:11प्रेष 2:37; इब्र 4:12
सभो. 12:12सभ 1:18
सभो. 12:13अय 28:28; भज 111:10; नीत 1:7
सभो. 12:131यूह 5:3
सभो. 12:13व्य 6:1, 2; 10:12
सभो. 12:14भज 62:12; सभ 11:9; मत 12:36, 37; प्रेष 17:31; 2कुर 5:10; 1ती 5:24
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
सभोपदेशक 12:1-14

सभोपदेशक

12 इसलिए अपनी जवानी के दिनों में अपने महान सृष्टिकर्ता को याद रख,+ इससे पहले कि विपत्ति के दिन और वे साल आएँ+ जब तू कहे: “मैं ज़िंदगी से ऊब गया हूँ”; 2 इससे पहले कि सूरज, चाँद और तारों की रौशनी बुझ जाए+ और मूसलाधार बारिश के बाद* बादल फिर घिर आएँ; 3 इससे पहले कि घर के पहरेदार काँपने लगें, हट्टे-कट्टे आदमी सीधे न खड़े रह सकें, चक्की पीसनेवाली औरतें कम हो जाएँ और पीसना बंद कर दें और खिड़की से झाँकनेवाली औरतों के सामने अँधेरा छा जाए;+ 4 इससे पहले कि सड़क की तरफ खुलनेवाले दरवाज़े बंद हो जाएँ, चक्की की आवाज़ धीमी पड़ जाए, चिड़िया के चहकने से नींद खुल जाए, बेटियों के गाने का स्वर मंद पड़ने लगे,+ 5 ऊँचाई से डर लगने लगे और सड़क पर चलने का खतरा सताने लगे। इससे पहले कि बादाम के पेड़ पर फूल खिलें,+ टिड्डा घिसटते हुए चले, कबरा फट जाए* और इंसान अपने सदा के घर की तरफ जाए+ और मातम मनानेवाले सड़कों पर घूमें;+ 6 इससे पहले कि चाँदी का तार टूट जाए, सोने का कटोरा फूट जाए, सोते के पास रखा घड़ा चूर-चूर हो जाए और कुएँ पर लगी चरखी टूट जाए। 7 तब मिट्टी जिस ज़मीन से आयी थी, वापस उसी में मिल जाएगी।+ और जो जीवन-शक्‍ति सच्चे परमेश्‍वर ने दी थी, वह उसके पास लौट जाएगी।+

8 उपदेशक+ कहता है, “व्यर्थ है! सबकुछ व्यर्थ है!”+

9 उपदेशक ने न सिर्फ बुद्धि हासिल की बल्कि वह जो बातें जानता था, उन्हें वह दूसरों को लगातार सिखाता रहा।+ यही नहीं, उसने कई नीतिवचनों को तैयार करने के लिए* गहराई से सोचा और काफी खोजबीन की।+ 10 उपदेशक ने मनभावने शब्द+ ढूँढ़ने और सच्चाई की बातें सही-सही लिखने में बहुत मेहनत की।

11 बुद्धिमानों की बातें अंकुश की तरह हैं+ और उनकी कहावतें मज़बूती से ठोंकी गयी कीलों जैसी हैं। क्योंकि ये एक ही चरवाहे की तरफ से हैं। 12 हे मेरे बेटे, इन बातों के अलावा अगर तुझे कोई और बात बतायी जाए तो खबरदार रहना। क्योंकि किताबों के लिखे जाने का कोई अंत नहीं और इन्हें बहुत ज़्यादा पढ़ना इंसान को थका देता है।+

13 सारी बातें सुनी गयीं और अंत में निचोड़ यह है: सच्चे परमेश्‍वर का डर मान*+ और उसकी आज्ञाओं पर चल,+ यही इंसान का फर्ज़ है।+ 14 क्योंकि सच्चा परमेश्‍वर सब कामों को परखेगा कि वे अच्छे हैं या बुरे, उन कामों को भी जो औरों से छिपे हुए हैं।+

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