33 तब पतरस ने उससे कहा, “प्रभु, मैं तो तेरे साथ जेल जाने और मरने के लिए भी तैयार हूँ।”+34 मगर उसने कहा, “पतरस, मैं तुझसे कहता हूँ, आज जब तक तू मुझे जानने से तीन बार इनकार न करेगा, मुर्गा बाँग न देगा।”+
6भाइयो, हो सकता है कि कोई इंसान गलत कदम उठाए और उसे इस बात का एहसास न हो। ऐसे में, तुम जो परमेश्वर की ठहरायी योग्यताएँ रखते हो, कोमलता की भावना+ से ऐसे इंसान को सुधारने की कोशिश करो। मगर तुम खुद पर भी नज़र रखो+ कि कहीं तुम फुसलाए न जाओ।+