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  • लूका 18:10-14
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 10 “दो आदमी मंदिर में प्रार्थना करने गए। एक फरीसी था और दूसरा कर-वसूलनेवाला। 11 फरीसी खड़ा होकर मन-ही-मन प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्‍वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरों की तरह नहीं हूँ जो लुटेरे, बेईमान और व्यभिचारी* हैं, न ही इस कर-वसूलनेवाले जैसा हूँ। 12 मैं हफ्ते में दो बार उपवास करता हूँ और मुझे जो कुछ मिलता है, उसका दसवाँ हिस्सा देता हूँ।’+ 13 मगर कर-वसूलनेवाला दूर खड़ा था। उसे आकाश की तरफ नज़र उठाने की हिम्मत भी नहीं हुई, बल्कि वह छाती पीटते हुए कहता रहा, ‘हे परमेश्‍वर, मुझ पापी पर दया* कर।’+ 14 मैं तुमसे कहता हूँ, यह आदमी उस फरीसी से ज़्यादा नेक साबित होकर अपने घर गया।+ क्योंकि हर कोई जो खुद को ऊँचा करता है उसे नीचा किया जाएगा, मगर जो कोई खुद को छोटा बनाता है उसे बड़ा किया जाएगा।”+

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