9 मगर अब जब तुम परमेश्वर को जान गए हो या यूँ कहें कि अब परमेश्वर तुम्हें जानता है, तो फिर तुम क्यों दुनिया की उन मामूली बातों की तरफ मुड़ रहे हो जो गयी-गुज़री और बेकार हैं+ और क्यों दोबारा उनकी गुलामी करना चाहते हो?+ 10 तुम बड़े ध्यान से खास दिन, महीने, समय और साल मनाते हो।+