यशायाह 25:4 पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद 4 जब ज़ालिमों का कहर ऐसे टूट पड़ता है,जैसे दीवार पर तेज़ बौछार पड़ती है,तब तू दीन-दुखियों का मज़बूत गढ़ ठहरता है,+मुसीबत की घड़ी में गरीबों का मज़बूत गढ़ बनता है। तू आँधी-तूफान में पनाह है,चिलचिलाती धूप में छाँव है।+
4 जब ज़ालिमों का कहर ऐसे टूट पड़ता है,जैसे दीवार पर तेज़ बौछार पड़ती है,तब तू दीन-दुखियों का मज़बूत गढ़ ठहरता है,+मुसीबत की घड़ी में गरीबों का मज़बूत गढ़ बनता है। तू आँधी-तूफान में पनाह है,चिलचिलाती धूप में छाँव है।+