22 वहाँ उन्होंने चेलों की हिम्मत बँधायी+ और यह कहकर उन्हें अपना विश्वास मज़बूत बनाए रखने का बढ़ावा दिया, “हमें बहुत तकलीफें झेलकर ही परमेश्वर के राज में दाखिल होना है।”+
17 तो अगर हम उसके बच्चे हैं, तो वारिस भी हैं। हाँ, परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस हैं,+ बशर्ते हम उसके साथ दुख झेलें+ ताकि हम उसके साथ महिमा भी पाएँ।+