7 मगर परमेश्वर की निंदा करनेवाली झूठी कथा-कहानियों को ठुकरा दे,+ जैसी बूढ़ी औरतें सुनाती हैं। इसके बजाय, परमेश्वर की भक्ति को अपना लक्ष्य बनाकर खुद को प्रशिक्षण देता रह।
3 इसलिए कि ऐसा समय आएगा जब लोग खरी* शिक्षा को बरदाश्त नहीं कर सकेंगे,+ मगर अपनी इच्छाओं के मुताबिक अपने लिए ऐसे शिक्षक बटोर लेंगे जो उनके कानों की खुजली मिटा सकें।*+4 वे सच्चाई की बातों से कान फेर लेंगे और झूठी कहानियों पर ध्यान देंगे।
13 यह गवाही सच्ची है। इसीलिए तू उनके साथ सख्ती से पेश आ और उन्हें सुधारता रह ताकि वे विश्वास में मज़बूत* बनें 14 और यहूदियों की कथा-कहानियों और उन लोगों की आज्ञाओं पर ध्यान न दें जो सच्चाई की राह छोड़ देते हैं।