16 अगर किसी विश्वासी औरत के परिवार में विधवाएँ हैं, तो वह उनकी मदद करे और मंडली पर उनका बोझ न डाले। तब मंडली ऐसी विधवाओं की मदद कर पाएगी जो सचमुच ज़रूरतमंद हैं।*+
27 हमारे परमेश्वर और पिता की नज़र में शुद्ध और निष्कलंक उपासना* यह है: अनाथों और विधवाओं की मुसीबतों में देखभाल की जाए+ और खुद को दुनिया से बेदाग रखा जाए।+