3 इसके बाद मूसा ने आकर लोगों को वे सारी बातें बतायीं जो यहोवा ने कही थीं और सारे न्याय-सिद्धांत सुनाए।+ तब सब लोगों ने एकमत होकर कहा, “यहोवा ने जो-जो कहा है, वह सब करना हमें मंज़ूर है।”+
8 मैं उससे आमने-सामने बात करता हूँ+ और उसे पहेलियों में नहीं बल्कि साफ-साफ अपनी बात बताता हूँ। और खुद यहोवा उसके सामने प्रकट होता है। फिर तुम दोनों ने मेरे सेवक मूसा के खिलाफ बात करने की जुर्रत कैसे की?”
25 जिस दिन तुम्हारे पुरखे मिस्र से निकले थे, तब से लेकर आज तक तुम ऐसा ही करते आए हो।+ इसलिए मैं अपने सभी सेवकों को, अपने भविष्यवक्ताओं को तुम्हारे पास भेजता रहा। मैंने उन्हें हर दिन भेजा, बार-बार भेजा।*+