27 फिर उसने एक प्याला लिया और प्रार्थना में धन्यवाद देकर उन्हें दिया और कहा, “तुम सब इसमें से पीओ+28 क्योंकि यह मेरे खून की निशानी है,+ जो करार को पक्का करता है+ और जो बहुतों के पापों की माफी के लिए बहाया जाएगा।+
25 जब वे शाम का खाना खा चुके, तो उसने प्याला लेकर भी ऐसा ही किया+ और कहा, “यह प्याला उस नए करार की निशानी है+ जिसे मेरे खून से पक्का किया जाएगा।+ जब कभी तुम इसे पीते हो तो मेरी याद में ऐसा करो।”+
6 मगर अब यीशु को इससे भी बेहतरीन सेवा* के लिए ठहराया गया है क्योंकि वह ऐसे करार का बिचवई भी है+ जो पहले करार से श्रेष्ठ है+ और जो बेहतर वादों के आधार पर कानूनी माँगों के मुताबिक किया गया है।+
15 इसी वजह से वह एक नए करार का बिचवई है+ ताकि जो बुलाए गए हैं वे सदा तक कायम रहनेवाली विरासत का वादा पा सकें।+ यह सब उसकी मौत की वजह से मुमकिन हुआ है, जो फिरौती देकर उन्हें उन पापों से छुटकारा दिलाती है+ जो उन्होंने पहले करार के अधीन रहते वक्त किए थे।