3 अगर तू समझ को पुकारे,+
पैनी समझ को ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ लगाए,+
4 अगर तू इन्हें चाँदी की तरह ढूँढ़ता रहे,+
छिपे हुए खज़ाने की तरह खोजता रहे,+
5 तब तू समझेगा कि यहोवा का डर मानना क्या होता है+
और तुझे परमेश्वर का ज्ञान हासिल होगा।+
6 क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है,+
ज्ञान और पैनी समझ उसी के मुँह से निकलते हैं,