21 जो मुझे ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहते हैं, उनमें से हर कोई स्वर्ग के राज में दाखिल नहीं होगा, मगर सिर्फ वही दाखिल होगा जो स्वर्ग में रहनेवाले मेरे पिता की मरज़ी पूरी करता है।+
40 मेरे पिता की मरज़ी यह है कि जो कोई बेटे को स्वीकार करता है और उस पर विश्वास करता है, उसे हमेशा की ज़िंदगी मिले+ और मैं उसे आखिरी दिन ज़िंदा करूँगा।”+