6भाइयो, हो सकता है कि कोई इंसान गलत कदम उठाए और उसे इस बात का एहसास न हो। ऐसे में, तुम जो परमेश्वर की ठहरायी योग्यताएँ रखते हो, कोमलता की भावना+ से ऐसे इंसान को सुधारने की कोशिश करो। मगर तुम खुद पर भी नज़र रखो+ कि कहीं तुम फुसलाए न जाओ।+
19 मेरे भाइयो, तुममें से अगर कोई सच्चाई के रास्ते से भटक जाए और कोई उस भटके हुए को वापस ले आए, 20 तो जान लो कि जो उस पापी को गलत रास्ते से वापस ले आता है+ वह उसे मरने से बचाता है और उसके ढेर सारे पापों को ढक देता है।+