वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • उत्पत्ति 40
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

उत्पत्ति का सारांश

      • कैदियों के सपनों का मतलब (1-19)

        • “सपनों का मतलब सिर्फ परमेश्‍वर समझा सकता है” (8)

      • फिरौन के जन्मदिन की दावत (20-23)

उत्पत्ति 40:1

संबंधित आयतें

  • +उत 40:11

उत्पत्ति 40:2

संबंधित आयतें

  • +उत 40:20-22

उत्पत्ति 40:3

संबंधित आयतें

  • +उत 37:36
  • +उत 39:20; भज 105:17, 18

उत्पत्ति 40:4

फुटनोट

  • *

    शा., “दिनों।”

संबंधित आयतें

  • +उत 39:22

उत्पत्ति 40:8

संबंधित आयतें

  • +उत 41:15, 16; दान 2:28, 45

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2012, पेज 12-13

उत्पत्ति 40:13

फुटनोट

  • *

    शा., “तेरा सिर उठाएगा।”

संबंधित आयतें

  • +उत 41:12, 13
  • +उत 40:20, 21

उत्पत्ति 40:14

फुटनोट

  • *

    या “अटल प्यार।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2017, पेज 20-21

उत्पत्ति 40:15

फुटनोट

  • *

    शा., “कुंड; गड्‌ढा।”

संबंधित आयतें

  • +उत 37:28
  • +उत 39:7, 8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2023, पेज 15-16

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2017, पेज 20-21

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

    5/2020, पेज 3

उत्पत्ति 40:19

फुटनोट

  • *

    शा., “तेरा सिर तुझ पर से उठाकर।”

संबंधित आयतें

  • +उत 40:20, 22

उत्पत्ति 40:20

फुटनोट

  • *

    शा., “के सिर उठाए।”

संबंधित आयतें

  • +मर 6:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 44

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/1998, पेज 31

उत्पत्ति 40:22

संबंधित आयतें

  • +उत 40:8

उत्पत्ति 40:23

संबंधित आयतें

  • +उत 40:14

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

उत्प. 40:1उत 40:11
उत्प. 40:2उत 40:20-22
उत्प. 40:3उत 39:20; भज 105:17, 18
उत्प. 40:3उत 37:36
उत्प. 40:4उत 39:22
उत्प. 40:8उत 41:15, 16; दान 2:28, 45
उत्प. 40:13उत 41:12, 13
उत्प. 40:13उत 40:20, 21
उत्प. 40:15उत 37:28
उत्प. 40:15उत 39:7, 8
उत्प. 40:19उत 40:20, 22
उत्प. 40:20मर 6:21
उत्प. 40:22उत 40:8
उत्प. 40:23उत 40:14
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 40:1-23

उत्पत्ति

40 कुछ समय बाद मिस्र के राजा के प्रधान साकी+ और प्रधान रसोइए ने अपने मालिक, राजा के खिलाफ कोई अपराध किया। 2 इसलिए फिरौन अपने उन दोनों अधिकारियों यानी प्रधान साकी और प्रधान रसोइए पर भड़क उठा।+ 3 उसने उन्हें जेल में डाल दिया, उसी जेल में जो पहरेदारों के सरदार+ के अधिकार में थी और जहाँ यूसुफ भी कैद था।+ 4 पहरेदारों के सरदार ने यूसुफ को उन अधिकारियों के पास रहने और उनकी सेवा करने का काम दिया।+ वे दोनों कुछ समय* तक जेल में रहे।

5 जब मिस्र के राजा के साकी और रसोइया जेल में थे, तब दोनों ने एक ही रात में एक-एक सपना देखा। दोनों के सपनों का मतलब अलग था। 6 सुबह होने पर जब यूसुफ उनके पास आया, तो उसने देखा कि उनका चेहरा उतरा हुआ है। 7 उसने फिरौन के उन अधिकारियों से, जो उसके मालिक के घर में उसके साथ कैद थे, पूछा, “क्या बात है, आज तुम इतने उदास क्यों लग रहे हो?” 8 उन्होंने कहा, “हम दोनों ने एक सपना देखा है मगर यहाँ उनका मतलब समझानेवाला कोई नहीं है।” यूसुफ ने उनसे कहा, “सपनों का मतलब सिर्फ परमेश्‍वर समझा सकता है।+ क्या मैं जान सकता हूँ, तुमने क्या सपना देखा?”

9 तब प्रधान साकी ने यूसुफ को अपना सपना बताया, “मैंने सपने में देखा कि मेरे सामने अंगूर की एक बेल है। 10 उस बेल पर तीन टहनियाँ थीं और उन पर नयी-नयी पत्तियाँ निकलती दिखायी दीं। फिर उनमें फूल आए और उन पर गुच्छे लगे और वे पककर अंगूर बन गए। 11 मेरे हाथ में फिरौन का प्याला था और मैंने अंगूर तोड़े और उनका रस प्याले में निचोड़ा। फिर वह प्याला मैंने फिरौन के हाथ में दे दिया।” 12 तब यूसुफ ने उससे कहा, “अब सुन तेरे सपने का क्या मतलब है। तूने जो तीन टहनियाँ देखीं उनका मतलब है तीन दिन। 13 आज से तीन दिन बाद फिरौन तुझे रिहा करेगा* और तुझे तेरा पद वापस दे देगा।+ तू पहले की तरह फिरौन का साकी बन जाएगा और उसे प्याला पिलाएगा।+ 14 जब तेरे अच्छे दिन लौट आएँ तो मुझे ज़रूर याद करना। मुझ पर कृपा* करना और मेरे बारे में फिरौन से ज़रूर ज़िक्र करना ताकि वह मुझे यहाँ से आज़ाद कर दे। 15 मुझे असल में इब्रियों के देश से अगवा करके यहाँ लाया गया था+ और यहाँ भी मैंने कोई अपराध नहीं किया, फिर भी मुझे जेल* में डाल दिया गया।”+

16 जब प्रधान रसोइए ने देखा कि यूसुफ ने साकी के सपने का जो मतलब बताया वह बहुत अच्छा है, तो उसने भी यूसुफ को अपना सपना बताया, “मैंने भी सपने में खुद को देखा। मेरे सिर पर तीन टोकरियाँ थीं और उनमें सफेद रोटियाँ भरी थीं। 17 सबसे ऊपरवाली टोकरी में फिरौन के लिए सेंककर बनायी गयी तरह-तरह की चीज़ें थीं। फिर मैंने देखा कि कुछ चिड़ियाँ मेरे सिर पर रखी टोकरी में से चीज़ें खा रही हैं।” 18 तब यूसुफ ने उससे कहा, “अब सुन तेरे सपने का क्या मतलब है। तूने जो तीन टोकरियाँ देखीं उनका मतलब है तीन दिन। 19 आज से तीन दिन बाद फिरौन तेरा सिर कटवाकर* तुझे काठ पर लटका देगा और पक्षी तेरा माँस खा जाएँगे।”+

20 तीसरे दिन फिरौन का जन्मदिन था।+ उसने एक बड़ी दावत रखी और अपने सभी दरबारियों को बुलाया। उसने प्रधान साकी और प्रधान रसोइए को जेल से निकलवाया* और उन्हें दरबारियों के सामने लाया। 21 फिर उसने प्रधान साकी को उसका पद वापस दे दिया और वह पहले की तरह फिरौन को प्याला देने का काम करने लगा। 22 मगर प्रधान रसोइए को उसने काठ पर लटका दिया। उन दोनों के साथ वही हुआ जो यूसुफ ने सपनों का मतलब बताते हुए कहा था।+ 23 लेकिन प्रधान साकी ने जेल से छूटने के बाद यूसुफ को याद नहीं किया, वह उसे भूल गया।+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें