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उत्पत्ति का सारांश

      • सभी इंसानों के लिए निर्देश (1-7)

        • खून के बारे में कानून (4-6)

      • मेघ-धनुष का करार (8-17)

      • नूह के वंशजों के बारे में भविष्यवाणियाँ (18-29)

उत्पत्ति 9:1

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    प्रहरीदुर्ग,

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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
उत्पत्ति 9:1-29

उत्पत्ति

9 परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों को आशीष दी और उनसे कहा, “फूलो-फलो, गिनती में बढ़ जाओ और धरती को आबाद करो।+ 2 तुम्हारा डर धरती के सभी जानवरों में बना रहेगा। ज़मीन पर चलने-फिरनेवाले सभी जीव-जंतुओं, आसमान में उड़नेवाले सभी पंछियों और समुंदर की सभी मछलियों में तुम्हारा खौफ बना रहेगा। मैं इन सबको तुम्हारे हाथ में सौंपता हूँ।*+ 3 तुम हर चलते-फिरते जानवर को जो ज़िंदा है, मारकर खा सकते हो।+ मैं ये सब तुम्हें खाने के लिए देता हूँ, ठीक जैसे मैंने तुम्हें साग-पात दिया था।+ 4 लेकिन तुम माँस के साथ खून मत खाना+ क्योंकि खून जीवन* है।+ 5 और अगर कोई तुम्हारा खून बहाए, जो कि तुम्हारा जीवन* है, तो मैं उससे तुम्हारे खून का हिसाब माँगूँगा। अगर कोई जानवर तुम्हारी जान ले तो उसे मार डाला जाएगा। और अगर कोई इंसान ऐसा करे, तो मैं उससे तुम्हारी जान का हिसाब लूँगा। उसे अपनी जान गँवानी होगी क्योंकि उसने अपने भाई की जान ली है।+ 6 जो किसी इंसान का खून बहाएगा उसका खून भी इंसान के हाथों बहाया जाएगा,+ क्योंकि परमेश्‍वर ने इंसान को अपनी छवि में बनाया है।+ 7 और तुम फूलो-फलो, गिनती में बढ़ते जाओ और धरती को अपनी संतान से आबाद करो।”+

8 फिर परमेश्‍वर ने नूह और उसके बेटों से कहा, 9 “अब मैं तुम्हारे साथ और तुम्हारी आनेवाली संतानों के साथ एक करार करता हूँ।+ 10 यह करार मैं उन सब जीव-जंतुओं के साथ करता हूँ जो तुम्हारे साथ हैं, पंछियों, जानवरों और धरती के सब जीवित प्राणियों के साथ जो जहाज़ से बाहर निकल आए हैं और तुम्हारे साथ हैं। मैं धरती के हर जीवित प्राणी+ के साथ यह करार करता हूँ। 11 हाँ, मैं तुम्हारे साथ यह करार करता हूँ कि मैं फिर कभी जलप्रलय लाकर सभी इंसानों और जानवरों* का नाश नहीं करूँगा और न ही कभी पूरी धरती को पानी से तबाह करूँगा।”+

12 परमेश्‍वर ने यह भी कहा, “जो करार मैं तुम्हारे साथ और सभी इंसानों और जीव-जंतुओं के साथ कर रहा हूँ, वह पीढ़ी-पीढ़ी तक बना रहेगा। उसकी एक निशानी मैं तुम्हें दे रहा हूँ। 13 मैं बादलों में अपना मेघ-धनुष दिखाऊँगा। यह इस करार की निशानी ठहरेगा जो मैंने धरती के साथ किया है। 14 जब भी मैं धरती के ऊपर बादल लाऊँगा, तो बादलों में मेघ-धनुष ज़रूर दिखायी देगा। 15 और मैं अपना यह करार ज़रूर याद करूँगा जो मैंने तुम्हारे और सभी इंसानों और हर जाति के जीव-जंतु के साथ किया है कि मैं फिर कभी जलप्रलय लाकर सभी इंसानों और जानवरों का नाश नहीं करूँगा।+ 16 और जब भी बादलों में मेघ-धनुष दिखायी देगा, तो मैं उसे देखकर ज़रूर याद करूँगा कि मैंने धरती के सब इंसानों और हर जाति के जीव-जंतु के साथ सदा का करार किया है।”

17 परमेश्‍वर ने एक बार फिर नूह से कहा, “मेघ-धनुष मेरे उस करार की निशानी है जो मैंने धरती के सब इंसानों और जानवरों के साथ किया है।”+

18 नूह के साथ उसके बेटे शेम, हाम और येपेत+ जहाज़ से बाहर निकले। बाद में हाम का एक बेटा हुआ जिसका नाम कनान था।+ 19 ये तीनों नूह के बेटे थे और इन्हीं से पूरी धरती पर आबादी फैली।+

20 नूह ने ज़मीन जोतने का काम शुरू किया और अंगूरों का एक बाग लगाया। 21 एक दिन उसने अंगूरों से बनी मदिरा पी और उसे इतना नशा हो गया कि वह अपने तंबू में कपड़े उतारकर नंगा पड़ा रहा। 22 जब हाम ने, जो कनान का पिता था, अपने पिता नूह को नंगा देखा, तो उसने बाहर जाकर अपने दोनों भाइयों को बताया। 23 तब शेम और येपेत ने अपने कंधों पर एक बड़ा कपड़ा रखा और वे नूह की तरफ पीठ किए हुए उसके पास गए और दूसरी तरफ मुँह किए हुए उसे कपड़ा ओढ़ा दिया। उन्होंने अपने पिता का नंगापन नहीं देखा।

24 जब नूह का नशा उतरा, वह नींद से जागा और उसे पता चला कि उसके छोटे बेटे ने उसके साथ क्या किया 25 तो उसने कहा,

“कनान+ पर शाप पड़े।

वह अपने भाइयों के दासों का दास बने।”+

26 उसने यह भी कहा:

“शेम के परमेश्‍वर यहोवा की तारीफ हो

और कनान शेम का दास बने।+

27 परमेश्‍वर येपेत को एक बड़ा इलाका दे,

येपेत का निवास शेम के तंबुओं में हो।

कनान येपेत का भी दास बने।”

28 जलप्रलय के बाद नूह 350 साल और जीया।+ 29 इस तरह नूह कुल मिलाकर 950 साल जीया। इसके बाद वह मर गया।

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