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  • इफिसियों 5
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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इफिसियों का सारांश

      • साफ-सुथरी बातचीत और चालचलन (1-5)

      • रौशनी की संतानों की तरह चलो (6-14)

      • पवित्र शक्‍ति से भरपूर होते जाओ (15-20)

        • अपने वक्‍त का सही इस्तेमाल करो (16)

      • पति-पत्नी के लिए सलाह (21-33)

इफिसियों 5:1

संबंधित आयतें

  • +मत 5:48; लूक 6:36

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2015, पेज 24-27

    1/1/2009, पेज 27

    11/1/2005, पेज 17-18

    12/1/1997, पेज 16-17

इफिसियों 5:2

फुटनोट

  • *

    या शायद, “तुमसे।”

  • *

    या शायद, “तुम्हारी।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 16:14
  • +यूह 13:34; 1यूह 3:23
  • +निर्ग 29:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 300

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 28

इफिसियों 5:3

फुटनोट

  • *

    यूनानी में पोर्निया। शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +1थि 4:3
  • +1कुर 5:11; कुल 3:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1993, पेज 10

    5/1/1990, पेज 24

    5/1/1987, पेज 29

इफिसियों 5:4

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:8
  • +1थि 5:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    7/8/2003, पेज 15

इफिसियों 5:5

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 15:28, 29
  • +1ती 3:8; तीत 1:7
  • +1कुर 6:9, 10; गल 5:19, 21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 40

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 6/2019, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2001, पेज 6

    4/1/1988, पेज 17

इफिसियों 5:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 22

इफिसियों 5:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 22-23

इफिसियों 5:8

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:9
  • +मत 5:16; यूह 12:36

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 20-21, 23-24

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2009, पेज 5-6

इफिसियों 5:9

संबंधित आयतें

  • +गल 5:22, 23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2002, पेज 16-17

इफिसियों 5:10

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 44

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2003, पेज 10-12

इफिसियों 5:11

संबंधित आयतें

  • +रोम 13:12, 13; 2कुर 6:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 22

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/2002, पेज 11

इफिसियों 5:14

फुटनोट

  • *

    यानी मरी हुई हालत से।

संबंधित आयतें

  • +इफ 2:1; कुल 2:13
  • +यूह 8:12

इफिसियों 5:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 35

    राज-सेवा,

    11/2007, पेज 1

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2001, पेज 32

इफिसियों 5:16

फुटनोट

  • *

    शा., “तय वक्‍त को खरीद लो।”

संबंधित आयतें

  • +कुल 4:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2024, पेज 24-25

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2022, पेज 26-31

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 11

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2002, पेज 22-23

    5/1/2001, पेज 32

    10/1/2000, पेज 18-19

    11/15/1996, पेज 21

इफिसियों 5:17

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:2; 1थि 4:3; 1पत 4:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    2/2023, पेज 16-17

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2016, पेज 14-16

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2011, पेज 30

    12/1/2003, पेज 21-23

इफिसियों 5:18

फुटनोट

  • *

    या “बेकाबू बरताव।”

संबंधित आयतें

  • +यश 5:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2011, पेज 20-21

इफिसियों 5:19

फुटनोट

  • *

    या शायद, “अपने लिए भजन गाकर।”

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +याकू 5:13
  • +भज 33:2, 3
  • +प्रेष 16:25; कुल 3:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2011, पेज 20-21

    5/1/1994, पेज 17

इफिसियों 5:20

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:17; 1थि 5:18

इफिसियों 5:21

संबंधित आयतें

  • +फिल 2:3; 1पत 5:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    1/8/1997, पेज 15

इफिसियों 5:22

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:18; तीत 2:4, 5; 1पत 3:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2007, पेज 26

    3/1/2007, पेज 13-18

    8/15/1997, पेज 18

    सजग होइए!,

    1/8/1997, पेज 14-15

    ज्ञान, पेज 135-136

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 241

इफिसियों 5:23

संबंधित आयतें

  • +रोम 7:2
  • +1कुर 11:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 99-100

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 20

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2009, पेज 8

    3/1/2007, पेज 11, 17-18

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 239-240

इफिसियों 5:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2007, पेज 26

    3/1/2007, पेज 17-18

इफिसियों 5:25

संबंधित आयतें

  • +1पत 3:7
  • +प्रेष 20:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    मेरा चेला बन जा, पेज 180

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2016, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2015, पेज 23

    7/15/2009, पेज 8

    5/15/2009, पेज 19-20

    5/1/2007, पेज 24

    3/1/2007, पेज 11

    10/1/2006, पेज 11

    3/1/1996, पेज 20-21

    10/1/1995, पेज 12

    सजग होइए!,

    1/2008, पेज 29

    ज्ञान, पेज 134-135

इफिसियों 5:26

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:17

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/1996, पेज 30

इफिसियों 5:27

संबंधित आयतें

  • +तीत 2:13, 14
  • +इफ 1:4; कुल 1:21, 22

इफिसियों 5:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 20

    बाइबल सिखाती है, पेज 136-137

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2012, पेज 30

    5/1/2007, पेज 24, 25-26

    3/1/2007, पेज 11-12

    सबके लिए किताब, पेज 22-23

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 243

इफिसियों 5:29

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 164

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 4

    अंक 3 2019, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2009, पेज 19

    8/15/2008, पेज 27

    5/1/2007, पेज 24, 25-26

    3/1/2007, पेज 11-12

    सबके लिए किताब, पेज 22-23

इफिसियों 5:30

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:5; इफ 1:22, 23

इफिसियों 5:31

फुटनोट

  • *

    या “के साथ ही रहेगा।”

संबंधित आयतें

  • +उत 2:24; मत 19:5

इफिसियों 5:32

संबंधित आयतें

  • +इफ 1:9, 10; कुल 1:26, 27
  • +इफ 3:5, 6

इफिसियों 5:33

संबंधित आयतें

  • +कुल 3:19
  • +1पत 3:5, 6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2020, पेज 3-4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2016, पेज 20

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2008, पेज 27

    5/1/2007, पेज 26

    10/1/2006, पेज 11

    8/1/1999, पेज 19-20

    4/1/1998, पेज 29

    6/1/1992, पेज 22

    सबके लिए किताब, पेज 22-23

    ज्ञान, पेज 144

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 243

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

इफि. 5:1मत 5:48; लूक 6:36
इफि. 5:21कुर 16:14
इफि. 5:2यूह 13:34; 1यूह 3:23
इफि. 5:2निर्ग 29:18
इफि. 5:31थि 4:3
इफि. 5:31कुर 5:11; कुल 3:5
इफि. 5:4कुल 3:8
इफि. 5:41थि 5:18
इफि. 5:5प्रेष 15:28, 29
इफि. 5:51ती 3:8; तीत 1:7
इफि. 5:51कुर 6:9, 10; गल 5:19, 21
इफि. 5:81पत 2:9
इफि. 5:8मत 5:16; यूह 12:36
इफि. 5:9गल 5:22, 23
इफि. 5:10रोम 12:2
इफि. 5:11रोम 13:12, 13; 2कुर 6:14
इफि. 5:14इफ 2:1; कुल 2:13
इफि. 5:14यूह 8:12
इफि. 5:16कुल 4:5
इफि. 5:17रोम 12:2; 1थि 4:3; 1पत 4:2
इफि. 5:18यश 5:11
इफि. 5:19याकू 5:13
इफि. 5:19भज 33:2, 3
इफि. 5:19प्रेष 16:25; कुल 3:16
इफि. 5:20कुल 3:17; 1थि 5:18
इफि. 5:21फिल 2:3; 1पत 5:5
इफि. 5:22कुल 3:18; तीत 2:4, 5; 1पत 3:1
इफि. 5:23रोम 7:2
इफि. 5:231कुर 11:3
इफि. 5:251पत 3:7
इफि. 5:25प्रेष 20:28
इफि. 5:26यूह 17:17
इफि. 5:27तीत 2:13, 14
इफि. 5:27इफ 1:4; कुल 1:21, 22
इफि. 5:30रोम 12:5; इफ 1:22, 23
इफि. 5:31उत 2:24; मत 19:5
इफि. 5:32इफ 1:9, 10; कुल 1:26, 27
इफि. 5:32इफ 3:5, 6
इफि. 5:33कुल 3:19
इफि. 5:331पत 3:5, 6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
इफिसियों 5:1-33

इफिसियों के नाम चिट्ठी

5 इसलिए परमेश्‍वर के प्यारे बच्चों की तरह उसकी मिसाल पर चलो+ 2 और प्यार की राह पर चलते रहो,+ ठीक जैसे मसीह ने भी हमसे* प्यार किया+ और हमारी* खातिर परमेश्‍वर के सामने सुगंध देनेवाले चढ़ावे और बलिदान के तौर पर खुद को दे दिया।+

3 जैसा पवित्र लोगों+ के लिए उचित है, तुम्हारे बीच नाजायज़ यौन-संबंध* और किसी भी तरह की अशुद्धता या लालच का ज़िक्र तक न हो,+ 4 न तुम्हारे बीच शर्मनाक बरताव, न बेवकूफी की बातें, न ही अश्‍लील मज़ाक हो+ क्योंकि ऐसी बातें पवित्र लोगों को शोभा नहीं देतीं। इसके बजाय, परमेश्‍वर का धन्यवाद ही सुना जाए।+ 5 क्योंकि तुम जानते हो और तुम्हें इस बात का पूरा एहसास है कि ऐसा कोई भी इंसान जो नाजायज़ यौन-संबंध* रखता है+ या अशुद्ध काम करता है या लालची है+ जो कि मूर्तिपूजा करनेवाले के बराबर है, वह मसीह के और परमेश्‍वर के राज में कोई विरासत नहीं पाएगा।+

6 कोई भी इंसान तुम्हें खोखली बातों से धोखा न दे, क्योंकि इन्हीं बुराइयों की वजह से परमेश्‍वर का क्रोध आज्ञा न माननेवालों पर आ रहा है। 7 इसलिए उनके साथ साझेदार न बनो 8 क्योंकि तुम भी एक वक्‍त पर अंधकार में थे, मगर अब तुम प्रभु के साथ एकता में होने की वजह से+ रौशनी में हो।+ रौशनी की संतानों के नाते चलते रहो 9 क्योंकि रौशनी का नतीजा हर तरह की भलाई, नेकी और सच्चाई है।+ 10 जाँच करके पक्का करते रहो कि प्रभु किन बातों को स्वीकार करता है+ 11 और उनके साथ मिलकर अंधकार के निकम्मे काम करना छोड़ दो।+ इसके बजाय उनका परदाफाश करो। 12 क्योंकि वे गुप्त में जो काम करते हैं उनके बारे में बात करना भी शर्मनाक है। 13 जितनी भी बातों का परदाफाश किया जाता है, वे रौशनी से ज़ाहिर की जाती हैं क्योंकि हर वह बात जो ज़ाहिर की जा रही है, वह रौशनी है। 14 इसलिए वह कहता है, “अरे सोनेवाले, जाग और मरे हुओं में से* ज़िंदा हो,+ तब मसीह की रौशनी तुझ पर चमकेगी।”+

15 इसलिए खुद पर कड़ी नज़र रखो कि तुम्हारा चालचलन कैसा है, मूर्खों की तरह नहीं बल्कि बुद्धिमानों की तरह चलो। 16 अपने वक्‍त का सही इस्तेमाल करो*+ क्योंकि दिन बुरे हैं। 17 इस वजह से मूर्खता के काम करना छोड़ दो बल्कि यह समझने की कोशिश करते रहो कि यहोवा* की मरज़ी क्या है।+ 18 साथ ही, दाख-मदिरा पीकर धुत्त न हो+ जो नीच हरकतों* की तरफ ले जाता है, मगर पवित्र शक्‍ति से भरपूर होते जाओ। 19 भजन गाकर,* परमेश्‍वर का गुणगान करके और उपासना के गीत गाकर एक-दूसरे की हिम्मत बँधाओ+ और अपने दिलों में संगीत के साथ+ यहोवा* के लिए गीत गाते रहो+ 20 और हर बात के लिए हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से हमारे परमेश्‍वर और पिता को धन्यवाद देते रहो।+

21 मसीह का डर मानते हुए एक-दूसरे के अधीन रहो।+ 22 पत्नियाँ अपने-अपने पति के अधीन रहें+ जैसे वे प्रभु के अधीन रहती हैं 23 क्योंकि पति अपनी पत्नी का सिर है,+ ठीक जैसे मसीह भी अपने शरीर यानी मंडली का सिर है+ और उसका उद्धारकर्ता है। 24 जैसे मंडली मसीह के अधीन है, वैसे ही पत्नियाँ भी हर बात में अपने-अपने पति के अधीन रहें। 25 हे पतियो, अपनी-अपनी पत्नी से प्यार करते रहो,+ ठीक जैसे मसीह ने भी मंडली से प्यार किया और अपने आपको उसकी खातिर दे दिया+ 26 ताकि वह उसे पानी जैसे वचन से धोकर शुद्ध करे और पवित्र ठहराए।+ 27 और मंडली को उसके पूरे वैभव के साथ अपने सामने पेश करे जिसमें न कोई दाग और न झुर्री हो, न ही कोई और खामी हो+ बल्कि यह पवित्र और बेदाग हो।+

28 इसी तरह पतियों को चाहिए कि वे अपनी-अपनी पत्नी से ऐसे प्यार करें जैसे अपने शरीर से। जो अपनी पत्नी से प्यार करता है, वह खुद से प्यार करता है। 29 इसलिए कि कोई भी आदमी अपने शरीर से कभी नफरत नहीं करता, बल्कि वह उसे खिलाता-पिलाता है और अनमोल समझता है, ठीक जैसे मसीह भी मंडली के साथ पेश आता है 30 क्योंकि हम उसके शरीर के अंग हैं।+ 31 “इस वजह से आदमी अपने माता-पिता को छोड़ देगा और अपनी पत्नी से जुड़ा रहेगा* और वे दोनों एक तन होंगे।”+ 32 यह पवित्र रहस्य+ महान है। मैं मसीह और मंडली के बारे में बात कर रहा हूँ।+ 33 फिर भी तुममें से हरेक अपनी पत्नी से वैसा ही प्यार करे+ जैसा वह अपने आप से करता है। और पत्नी भी अपने पति का गहरा आदर करे।+

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