26 मैं तुम्हारे यहाँ खाने की ऐसी तंगी फैला दूँगा*+ कि दस औरतों के रोटी सेंकने के लिए एक तंदूर काफी होगा और तुम्हें रोटी तौल-तौलकर बाँटी जाएगी।+ तुम रोटी खाओगे तो सही, मगर तुम्हारी भूख नहीं मिटेगी।+
53 तुम्हारे शहरों की घेराबंदी इतनी सख्त होगी और दुश्मन तुम्हारा इतना बुरा हाल करेंगे कि तुम्हें अपने ही बच्चों* को खाना पड़ेगा। तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने तुम्हें जो बेटे-बेटियाँ दिए हैं, तुम उन्हीं का माँस खाओगे।+
2 “यहोवा कहता है, ‘जो कोई इस शहर में ही रहेगा वह तलवार, अकाल और महामारी* से मारा जाएगा।+ लेकिन जो कोई खुद को कसदियों के हवाले कर देगा* वह ज़िंदा रहेगा, अपनी जान बचा लेगा* और वह जीता रहेगा।’+
10 तेरे बीच पिता अपने बेटों का माँस खा जाएँगे+ और बेटे अपने पिताओं का माँस खा जाएँगे। मैं तेरे लोगों को सज़ा दूँगा और जो बच जाएँगे उन्हें चारों दिशाओं में तितर-बितर कर दूँगा।”’+
12 तेरे एक-तिहाई लोग महामारी* से मर जाएँगे या अकाल की मार से मिट जाएँगे। और एक-तिहाई लोग तेरे चारों तरफ तलवार से मार डाले जाएँगे+ और बचे हुए एक-तिहाई लोगों को मैं चारों दिशाओं में तितर-बितर कर दूँगा। फिर मैं एक तलवार खींचकर उनका पीछा करूँगा।+