27 मैं तेरा उठना-बैठना, आना-जाना सब जानता हूँ,+
यह भी कि तू कब मुझ पर भड़क उठता है।+
28 क्योंकि तेरा क्रोध करना+ और तेरा दहाड़ना मेरे कानों तक पहुँचा है।+
मैं तेरी नाक में नकेल डालूँगा और तेरे मुँह में लगाम लगाऊँगा,+
तुझे खींचकर उसी रास्ते वापस ले जाऊँगा जिससे तू आया है।”+