16 शमौन पतरस ने जवाब दिया, “तू मसीह है,+ जीवित परमेश्वर का बेटा।”+17 यीशु ने उससे कहा, “हे शमौन, योना के बेटे, सुखी है तू क्योंकि तू यह बात हाड़-माँस के इंसान की मदद से नहीं, बल्कि स्वर्ग में रहनेवाले मेरे पिता की मदद से समझ पाया है।+
14 शिमौन*+ ने पूरा ब्यौरा देकर बताया कि परमेश्वर ने कैसे पहली बार गैर-यहूदी राष्ट्रों की तरफ ध्यान दिया ताकि उनके बीच से ऐसे लोगों को इकट्ठा करे जो परमेश्वर के नाम से पहचाने जाएँ।+