27 मगर मैं तुम लोगों से जो मेरी बातें सुन रहे हो कहता हूँ: अपने दुश्मनों से प्यार करते रहो। जो तुमसे नफरत करते हैं उनके साथ भलाई करते रहो।+28 जो तुम्हें कोसते हैं उन्हें आशीष देते रहो और जो तुम्हारी बेइज़्ज़ती करते हैं, उनके लिए प्रार्थना करते रहो।+
59 जब वे स्तिफनुस को पत्थर मार रहे थे, तो उसने यह प्रार्थना की, “हे प्रभु यीशु, मैं अपनी जान* तेरे हवाले करता हूँ।” 60 फिर उसने घुटने टेककर बड़ी ज़ोर से पुकारा, “यहोवा,* यह पाप इनके सिर मत लगाना।”+ यह कहने के बाद वह मौत की नींद सो गया।